Friday 19 February 2016

तेरे हाथ की काश मैं वो लकीर बन जाऊं,
काश मैं तेरा मुक़द्दर तेरी तक़दीर बन जाऊं,
मैं तुम्हें इतना चाहूँ कि तुम भूल जाओ हर रिश्ता,
सिर्फ मैं ही तुम्हारे हर रिश्ते की तस्वीर बन जाऊं,
तुम आँखें बंद करो तो आऊं मैं ही नज़र,
इस तरह मैं तुम्हारे हर ख्वाब की ताबीर बन जाऊं....

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